wrinkles around eyes – आंखों के आस-पास की त्वचा बेहद पतली और संवेदनशील होती है और कई लोगों को समय से पहले आंखों के पास झुर्रियां हो जाती हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान और गलत लाइफस्टाइल का असर सिर्फ सेहत पर ही नहीं, बल्कि त्वचा पर भी साफ दिखता है। खासकर चेहरे की नाजुक त्वचा, जिसमें सबसे ज्यादा असर आंखों के आसपास देखने को मिलता है।
आंखों के चारों ओर झुर्रियां उम्र बढ़ने का एक स्वाभाविक संकेत हैं, लेकिन आजकल कम उम्र में भी यह समस्या देखने को मिल रही है। लंबे समय तक मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन पर समय बिताना, पर्याप्त नींद न लेना, पोषण की कमी, धूप और प्रदूषण के संपर्क में रहना, ये सभी कारण आंखों के आसपास झुर्रियों का कारण बन सकते हैं।
आंखों की झुर्रियों का इलाज – What Is The Best Way To Get Rid Of wrinkles around eyes
आंखों के आस-पास की त्वचा बेहद पतली और संवेदनशील होती है, जो उम्र बढ़ने, सूरज की किरणों और प्रदूषण के कारण बेजान सी दिखने लगती है और झुर्रियां भी हो जाती हैं। इन झुर्रियों को कम करने और उन्हें ठीक करने के लिए कई आधुनिक उपचार मौजूद हैं।
1. रेटिनॉल और पेप्टाइड्स
रेटिनॉल (Retinol) झुर्रियों को कम करने में मदद करता है। रेटिनॉल कोशिकाओं के नवीनीकरण को उत्तेजित (stimulate cell renewal) करता है, जिससे त्वचा की सतह चिकनी और टाइट हो जाती है। यह कोलेजन उत्पादन को भी बढ़ाता है, जिससे झुर्रियां कम होती हैं और त्वचा जवां दिखने लगती है। वहीं पेप्टाइड्स छोटे अमीनो एसिड होते हैं जो त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह कोलेजन और इलास्टिन उत्पादन को बढ़ाकर त्वचा की मजबूती और लोच को सुधारते हैं। रेटिनॉल और पेप्टाइड्स का संयोजन आंखों के आसपास की झुर्रियों को कम करने में बेहद प्रभावी साबित हो सकता है।
2. हाइड्रेटिंग आई क्रीम्स
आंखों के आसपास की त्वचा को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ड्राई स्किन झुर्रियां और महीन रेखाओं को बढ़ा सकती है। हाइड्रेटिंग आई क्रीम्स में ऐसे तत्व होते हैं जो त्वचा में नमी बनाए रखते हैं और उसे सॉफ्ट बनाते हैं। इनमें हायलूरॉनिक एसिड, ग्लिसरीन और पेप्टाइड्स जैसे तत्व होते हैं जो त्वचा को गहरी नमी प्रदान करते हैं और उसे रिजुविनेट करते हैं।
हाइड्रेटिंग आई क्रीम्स का नियमित उपयोग आंखों के नीचे के एरिया को नम और ताजगी से भरपूर बनाए रखने में मदद करता है। यह झुर्रियों को दूर करने के साथ-साथ सूजन और काले घेरों को भी कम कर सकता है।
3. माइक्रोनीडलिंग
माइक्रोनीडलिंग में त्वचा पर छोटे-छोटे सुइयों से छिद्र बनाए जाते हैं। ये माइक्रो-इंजेक्शन त्वचा के अंदर कोलेजन और इलास्टिन उत्पादन को उत्तेजित करते हैं। जब यह प्रक्रिया आंखों के पास की त्वचा पर की जाती है।
तो यह झुर्रियों को कम करने और त्वचा को टाइट करने में मदद करती है। माइक्रोनीडलिंग का रिजल्ट धीरे-धीरे दिखता है, लेकिन यह त्वचा की बेहतर करता है और झुर्रियों के आकार को कम करता है। इसे एक त्वचा विशेषज्ञ द्वारा ही करवाना चाहिए।
4. लेजर थेरेपी
लेजर थेरेपी एक और प्रभावी उपचार है, जो आंखों के आसपास की झुर्रियों को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया झुर्रियों को कम करती है। लेजर थेरेपी के द्वारा कोलेजन उत्पादन बढ़ता है, जिससे त्वचा में लचीलापन और टाइटनेस आती है।
5. पीआरपी थेरेपी
पीआरपी (Platelet-Rich Plasma) थेरेपी में शरीर के अपने प्लेटलेट्स (Platelets) का उपयोग करके त्वचा पर किया जाता है। इस प्रक्रिया में, शरीर से ब्लड लिया जाता है और उसमें से प्लेटलेट्स निकाले जाते हैं। फिर इसे त्वचा के प्रभावित हिस्सों में इंजेक्ट किया जाता है।
पीआरपी थेरेपी त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाती है, कोलेजन उत्पादन को उत्तेजित करती है और त्वचा को प्राकृतिक रूप से पुनर्जीवित करती है। यह प्रक्रिया आंखों के आसपास की झुर्रियों को कम करने और त्वचा को हेल्दी और युवा बनाने के लिए प्रभावी मानी जाती है।
