उम्र के साथ साथ शरीर के कार्य करने की क्षमता कम होती जाती है इसका प्रभाव हमारी त्वचा पर भी पड़ता है जैसे कि फ़ाईन लाईन, झुरिया, बड़े रोम छीद्र, रुखी त्वचा आदि। इसे ही एजिंग कहा जाता है। परंतु आज कल समय के पूर्व भी एजिंग के लक्षण दिखाई देने लग जाते है। यह बाहयं कारक होते है । सूर्य की UV किरण, प्रदूषण, सिगरेट के धुआँ आदि के कारण त्वचा पर फ़्री रेडिकलस का उत्पादन होता है । यह फ़्री रेडिकलस त्वचा के प्रोटीन, वसा, और डीएनए को नष्ट करते है। यूवी किरणों के कारण त्वचा का कोलेजन फ़ाइबर टूट जाते है जो त्वचा के मसलस के लचीलेपन को कम करते है । समय से पूर्व एजिंग का जब मसलस के मूव्मेंट के कारण हो तो इसे मकैनिकल एजिंग के नाम से जाना जाता है। मकैनिकल एजिंग तब होती है जब आदतन रोज़ सालो तक लगातार मसलस का एक ही तरह का मूव्मेंट किया जाता है । जिसके कारण त्वचा अपना लचीलापन खो देती है और त्वचा पर फ़ाइन लाइन के साथ साथ झुरिया भी आने लग जाती है। परंतु हम अपने व्यहवार को बदल कर और त्वचा का रखरखाव करके एजिंग के प्रॉसेस को कुछ हद तक रोक सकते है। जैसी कि:
1. ज़्यादा तनाव ना करे ।
2. मुँह पर हाथ रख कर बैठने जैसी आदतो को बदले ।
3. बैलेन्स डाइयट ले जिसमें सभी पौष्टिक तत्व विधमान हो जिससे शरीर में फ़्री रेडिकल्स का निर्माण ना हो । इसके लिए आप सुपर फ़ूड जैसे की चिया सीडस, सन्फ़्लावर सीडस आदि का सेवन कर सकते है।
4. तेज हवा या तेज धूप में जाने से खुद को बचाए और यदि जाना भी पड़ता है तो स्कार्फ़ या हैट का इस्तमाल करे ।
5. अच्छा SPF लगाए ।
6. त्वचा पर CTMP रूल यानी की क्लेंज़िंग, टोनिंग, मोईसचराइज़र और प्रोटेकशन नियमित रूप से करे। क्लेंज़िंग का मतलब है कि त्वचा को रोज़ प्रकर्तिक इंग्रीडीयंट्स या क्लेंज़र से साफ़ करे। टोनिग का अर्थ है की त्वचा के अनुसार एस्ट्रिजेंट या टोनर का इस्तमाल करे। मोईस्चराइज़र का मतलब है कि त्वचा को नियमित रूप से लूब्रिकेट करना और प्रोटेक्शन का तात्पर्य है की त्वचा पर सनस्क्रीन आदि का इस्तेमाल करना।
7. रात को त्वचा साफ़ करके सोए।
इसके अलावा झुरियो की रोकथाम के लिए प्राकृतिक उपचार और सहायक उपचार किए जा सकते है। प्राकृतिक उपचार के लिय आवश्यक है कि चेहरे को साफ़ करके ही उपचार करे।
एजिंग के प्राकृतिक उपचार:-
1. जैतून के तेल की मालिश : चेहरे पे जहां जहा झुर्रियां हों रही है वहा हल्का गुनगुनि जैतून के तेल की कुछ बूंदें लगा कर बाहर की तरफ़ हाथ चलाते हुए सरकुलर मोशन में मसाज़ करे। अगर माथे पर झुर्रियां है तो हथेली की मदद से ऊपर की तरफ बाहर की तरफ़ हाथ घुमाते हुए मसाज़ करे ।
2. केले का फ़ेस मास्क : पिसा हुआ केला, ऑरेंज जूस, दही और विटामिन ई का केपसुल मिला कर क्रीमी टेक्स्चर का मास्क बना ले। और उसे चेहरे पर लगा कर 15-20 मिनिट बाद धो ले।
3. पपीते का मास्क: पके पपीते के चार से पाँच टुकड़ों का पल्प बना ले और उसमें 2 चमच शहद और एक चम्मच मिल्क पाउडर मिला कर चेहरे पर लगाए और फिर 15-20 मिनिट बाद धो ले। यदि त्वचा में ज़्यादा झूरिया है तो कसावट के लिय पपीते के पल्प में अंडे का सफ़ेद भाग मिला कर भी लगाया जा सकता है ।
एजिंग के सहायक उपचार:
सहांयक उपचार में फ़ेस योगा और accupressure बिंदू को दबाने से भी कुछ हद तक एजिंग को रोका जा सकता है।
1. ‘ई’ और ‘ओ’ बोलते हुआ चेहेरे को फैलाए और कुछ क्षण इसी मुद्रा में रहे और फिर सामान्य अवस्था में आ जाए।
2. ऐसे मुद्रा बनाए जैसे की आप सिटी भजा रहे हो। इसे 15-20 बार दिन में तीन बार करे।
3. गालो को ऊपरी और निचले दांतों में दबा ले और कुछ सेकंड्ज़ इसी अवस्था में रहे, फिर पहले की अवस्था में आ जाए। इसे भी 15-20 बार दिन में तीन बार करे।
4. दोनो हाथों को माथे पर रखे और उँगलियों को आइब्ररो पर इस तरह से रखे की आइब्ररो पर हल्का दबाव पडे ।
5. गालों में हवा भर ले और हवा को एक गाल से दूसरी गाल की तरफ़ ले जाए। जितनी देर हो सके उतनी देर हवा को रोक कर रखे।
6. होंठों की आस पास की त्वचा को लटकने से रुकने के लियी होंठों को कस कर बंद कर ले और बंद होंठों से मुस्कुराने की कोशिश करे। इसे 15-20 बार दिन में तीन बार करे।
तीन तरह के accupressure बिंदू को दबाने से एजिंग को रोका जा सकता है।
1. दोनो आइब्ररो के बीच में (बिन्दी वाली जगह) उंगली के पोरों की सहायता से दबाव बनाए।
2. फिर आखों की पुतली से ठीक एक इंच नीचे गालों पर उंगली से तीन मिनिट दबाव बनाए और फिर छोड दे ।
3. पार्ट दो से एक इंच और नीचे चीकबोन पर 3 मिनिट तक उगली रखे।
अन्त में यही बताना चाहूंगी कि अपनी सेहत अपने हाथ
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