अल्फाल्फा बीजों में उपस्थित पोषक तत्वों के जादुई गुण-
अल्फाल्फा को रिजका नाम से भी जाना जाता है अल्फाल्फा के बीज बीजों के लिए यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि,-
*बीज एक इलाज अनेक*
अल्फाल्फा के बीज विटामिन,प्रोटीन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है इसलिए इन बीजों का सेवन निम्न बीमारियों में लाभकारी है-अल्फाल्फा के बीज एनीमिया, थायराइड, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, पीसीओडी यानी कि स्त्री हार्मोन का शरीर में कम बनना, गठिया,अनिद्रा रोग, यूरिनरी ट्रैक्ट की समस्या, मासिक धर्म की समस्या आदि के इलाज में, रूखी त्वचा और साथ ही साथ बालों की अच्छी ग्रोथ में सहायक है ।अल्फाल्फा खाद्य पदार्थों से भरपूर और कम कैलोरी रखने वाले बीज है इसलिए जो लोग अपने वजन को कम करना चाहते हैं उनके लिए इन बीजो का सेवन एक अच्छा विकल्प है। अल्फाल्फा के बीजों को मेटाबॉलिक विकारो में आल्टरनेटिव थेरेपी की तरह प्रयोग में लिया जाता है। ओस्टियोपोरोसिस की समस्या में सहायता करता है। विटामिन k के साथ-साथ मैग्नीशियम का होना भी कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है साथ ही साथ इन्फ्लेमेशन से लड़ने में सहायक होता है अल्फा अल्फा के बीजों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है जो फ्री रेडिकल से रक्षा करता है इस गुण के कारण अल्फाल्फा का सेवन ब्रेस्ट कैंसर की संभावना को कम करता है मीनोपॉज के लक्षणों को भी कम करता है ड्राई स्किन के लिए उपयोगी है साथ ही साथ बीजों का सेवन बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है और जो लोग पतले बालों की समस्या से परेशान है उनके बालों को मोटाई देने में भी सहायक है। अल्फाल्फा के बीच फीडिंग मदर्स को देने से दूध का उत्पादन बढ़ता है बीज के प्रयोग से घाव भरने की क्षमता बढ़ती है। इसकी डाइयूरेटिक गुण के कारण इसे किडनी की समस्याओं में भी प्रयोग में लिया जाता है। मेटाबॉलिक विकास जैसे कि थायराइड में भी बीजों का सेवन लाभकारी है। बीजों का सेवन इन्फ्लेमेशन से लड़ने में सहायक होता है।
अल्फाल्फा के बीजों को अंकुरित करके, चाट बनाकर, सूप में, सैंडविच में या दलिया बनाकर भी प्रयोग में लिया जा सकता है
*अंकुरित अल्फाल्फा सीड्स के फायदे*
अल्फाल्फा के अंकुरित बीजू में संग्रहित पोषक पदार्थ तत्व आसानी से ऐसे रूप में परिवर्तित हो जाते हैं जिन्हें शरीर आसानी से पचा सकता है ।अंकुरित बीजों में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है अतः कब्ज़ की समस्या में राहत देता हैं। खराब कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा देने में सहायक है और हृदय रोग को रोकने में मददगार है स्प्राउट्स प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट का स्रोत है एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर में हानिकारक मुक्त कणों को खत्म करने में मदद करता है जो एजिंग की प्रक्रिया को रोकने में सहायक है एजिंग से यह मतलब नहीं है कि चेहरे पर झुर्रियां हो गई, शरीर के अंगों में भी एजिंग का प्रभाव दिखाई देता है जैसे घुटनो में दर्द आदि। अल्फाल्फा बीजों का सेवन एजिंग के प्रभाव को कम करने में सहायक है। इसलिए अल्फाल्फा के बीज या अंकुरित बीजों को भोजन में शामिल किया जाए तो यह बहुत लाभकारी है अल्फाल्फा के बीजों का सेवन एक दिन छोड़कर करना चाहिए यानी आल्टरनेटिव दिनों में करना चाहिए। अल्फाल्फा के बीज अच्छी क्वालिटी के लेने चाहिए क्योंकि बाजार में बीजों में दूसरे में बीज मिलाकर भी मिल सकते हैं अतः अल्फा अल्फा के बीच खरीदते समय क्वालिटी का ध्यान रखें। अल्फाल्फा के बीजों की खास बात यह है कि हर उम्र के लोग चाहे बच्चे हो या व्यस्क कोई भी इसका सेवन कर सकता है। अन्त में अपनी सेहत अपने हाथ।
नेहल मित्तल